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Showing posts from February, 2019

बहुत प्यार है मुझे.

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दिल कहता है मोहब्बत नहीं क़यामत है ये, फिर दिल की दीवार पर तेरा चेहरा क्यूँ है, और भी ज़ख्म हैं तेरे ज़ख्मों के सिवा, तेरे ही ज़ख्म का दाग इतना गहरा क्यूँ है। अब क्यूँ तकलीफ होती है तुम्हें इस बेरुखी से, तुम्हीं ने तो सिखाया है कि दिल कैसे जलाते हैं। बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से, बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से, ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उस ने दवा के नाम से, आसमान रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से। आज हर एक पल ख़ूबसूरत है, दिल में बस एक तेरी सूरत है, कुछ भी कहे ये दुनिया कम नहीं, दुनिया से ज़्यादा हम को तेरी ज़रूरत है . तेरे नाम को होंटो पे सजाया है मैंने, तेरे रूह को अपने दिल में बसाया है मैंने. दुनिया तुम्हें ढूंढ़ते ढूंढ़ते हो जाएगी पागल. दिल के ऐसे कोने में छुपाया है मैंने . जिसके इक़रार का इंतज़ार था मुझे, जाने क्यों उस से इतना प्यार था मुझे, ऐ खुदा आ ही गया वो हसीं पल, जब उसने कहा तुमसे बहुत प्यार है मुझे.

बहुत खूबसूरत वो रातें होती है,

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 बहुत खूबसूरत वो रातें होती है, जब तुमसे दिल की बात होती है || वैसे कुछ खास लफ्ज़ नहीं होते मेरे पास, पर जब उनकी याद आती है तोह, मेरे लिखे लफ्ज़ो में भी मिठास आ जाती बदलना नहीं आता हमें मौसम की तरह, हर एक रूप मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ || ना तुम समझ सको कयामत तक, कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते है || साथ अगर दोगे मुस्कुरायेंगे जरूर, प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे जरूर || राह में कितने भी कांटे क्यों ना हो, आवाज अगर दिल से दोगे तो आएंगे जरूर || हकीकत जान लो जुदा होने से पहले, मेरी सुन लो अपनी सुनने से पहले || यह सोच लेना भूलने से पहले, बहुत रोई है यह आँखें मुस्कुराने से पहले || दिल का हाल बताना नहीं आता, किसी को ऐसे तड़पाना नहीं आता || सुनना चाहते हैं एक बार आवाज आपकी, मगर बात करने का बहाना नहीं आता ||

My two word love story

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 अब क्यूँ तकलीफ होती है तुम्हें इस बेरुखी से, तुम्हीं ने तो सिखाया है कि दिल कैसे जलाते हैं बिछड़ के हम से फिर किसी के भी न हो सकोगे, तुम मिलोगे सब से मगर हमारी ही तलाश में। नजर-अंदाज़ करते हो लो हट जाते हैं नजरों से, इन्हीं नजरों से ढूंढोगे नजर जब हम न आयेंगे मेरे हाथों से मेरी तकदीर भी वो ले गया, आज अपनी आखिरी तस्वीर भी वो ले गया अब क्या जवाब दूँ मैं कोई मुझे बताये, वह मुझसे कह रहे हैं क्यों मेरी आरज़ू की। कभी तो अपना वजूद हम पर लुटा के देख, क्यों दो कदम चलकर तेरा यकीन ठहर जाता है। मेरे किस्से सर-ए-बाज़ार उछाले उसने, जिस का हर ऐब ज़माने से छुपाया मैंने।

आँसू नमकीन क्यों है

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चाहत वो नहीं जो जान देती है, चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है, ऐ दोस्त चाहत तो वो है, जो पानी में गिरा आँसू पहचान लेती है। बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके, ख्यालों में किसी और को ला न सके, उसको देख के आँसू तो पोंछ लिए, लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके। मुझे न जाने उस पर इतना यकीन क्यों है, उसका ख्याल भी इतना हसीन क्यों है, सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है, तो आँख से निकला आँसू नमकीन क्यों है। एहसास बहुत होगा जब छोड़ के जायेंगे, रोयेंगे बहुत मगर आँसू नहीं आयेंगे, जब साथ ना दे कोई तो आवाज़ हमे देना, आसमान पर भी होंगे तो लौट आयेंगे। वो कह के चले इतनी मुलाकात बहुत है, मैंने कहा रुक जाओ अभी रात बहुत है, आँसू मेरे थम जाये तो फिर शौक से जाना, ऐसे में कहाँ जाओगे बरसात बहुत है।