My two word love story

 अब क्यूँ तकलीफ होती है तुम्हें इस बेरुखी से,
तुम्हीं ने तो सिखाया है कि दिल कैसे जलाते हैं

बिछड़ के हम से फिर किसी के भी न हो सकोगे,
तुम मिलोगे सब से मगर हमारी ही तलाश में।

नजर-अंदाज़ करते हो लो हट जाते हैं नजरों से,
इन्हीं नजरों से ढूंढोगे नजर जब हम न आयेंगे

मेरे हाथों से मेरी तकदीर भी वो ले गया,
आज अपनी आखिरी तस्वीर भी वो ले गया

अब क्या जवाब दूँ मैं कोई मुझे बताये,
वह मुझसे कह रहे हैं क्यों मेरी आरज़ू की।

कभी तो अपना वजूद हम पर लुटा के देख,
क्यों दो कदम चलकर तेरा यकीन ठहर जाता है।

मेरे किस्से सर-ए-बाज़ार उछाले उसने,
जिस का हर ऐब ज़माने से छुपाया मैंने।


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