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Showing posts from January, 2019

Teri yaadye

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किसी दर्द को सभल पाना आसान नही होता हस्ते हुए हर पल बिताना आसान नही होता ज़िन्दगी में हर कोई दिल में बस नही पाता और जो बस जाए उसे भूल पाना आसान नही होता कुछ वक़्त की रवानी ने हमे बदनाम कर दिया वफा पर अबभी कायम हूँ मगर मोहब्बत छोड़ दी हमने यादें कमजोर सी दिखती हैं पर होती नहीं है ये आँखे रात भर रोती है सोती नही है जो रूठ गए उन अपनों को मना लो दूरिया रिश्तो में अच्छी होती नही है कुछ कर अब मेरा भी इलाज ऐ हकीम-ए-मुहब्बत हर रात वो याद आता है और मुझसे सोया नहीं जाता ये माना की हम तेरी यादों के सहारे है पर तू ये ना समझ लेना की हम तेरे इन्तजार में है रिश्ता कई जन्मों का था, वो एक जनम भी ना निभा सके कह के गए अब याद ना करना, हम एक पल भी ना भुला सके चलो अब ख़त्म करते है यादों का सिलसिला वो वक़्त और था जब तुम अपने से लगते थे

सच है के मोहब्बत मेरी कमज़ोर

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न मिले किसी का साथ तो हमें याद करना, तन्हाई महसूस हो तो हमें याद करना, खुशियाँ बाटने के लियें दोस्त हजारो रखना, जब ग़म बांटना हो तो हमें याद करना। कितने  अनमोल होते हैं यह मोहब्बत के रिश्ते, भी कोई याद न भी करे फिर भी इंतज़ार रहता है। माना के किस्मत पे मेरा कोई ज़ोर नही, पर ये सच है के मोहब्बत मेरी कमज़ोर नही, उस के दिल मे, उसकी यादो मे कोई और है लेकिन, मेरी हर साँस में उसके सिवा कोई और नही..  तुम्हारी  याद  के साए मेरे दिल के अँधेरे में, बहुत तकलीफ देते हैं मुझे जीने नहीं देते, अकेली राह में हमराह कोई मिल तो जाता है, मगर कुछ  दर्द  हैं जो दिल बहलने नहीं देते।  ज़िंदगी तेरे बिना अब कटती नहीं है, तेरी याद मेरे दिल से मिटती नही, तुम बसे हो मेरी निगाहो में, आँखो से तेरी सूरत हटती नही
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” हैप्पी गणतंत्र दिवस 2019 " दाग गुलामी का धोया है जान अपनी लूटा कर डीप जलाए है कितने दीप हमारे बुझा कर मिली है जब यह आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को रखना होगा हर दुश्मन से आज हमें बचाकर ” हैप्पी गणतंत्र दिवस 2018 “ आज़ादी की कभी शाम ना होने देगे शहीदो की कुर्बानी को हम बदनाम ना होने देगे बची है हमरे अन्दर जो एक बूँद भी खून की तो हम भारत मा का आँचल नीलम ना होने देगे | गणतंत्र दिवस 2018 की ढेरसारी बधाईयाँ आओ झुककर सलाम करें उन्हें जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है। जय हिन्द जय भारत। भारतीय होने पर कीजिए गर्व, मिलकर मनाएं लोकतंत्र का पर्व, देश के दुश्मनों को मिलकर मिटाओ, हर घर पर तिरंगा लहराओ | जय हिन्द जय भारत। इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना, रौशनी भी होगी चिरागों को जलाये रखना, लहू देकर की है जिस देश की हिफाजत हमने, ऐसे तिरंगे को सदा अपने दिल में बसाये रखना |

हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे,

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हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे, आजादी का मतलब नहीं है समझते। इस दिन पर स्कूल में तिरंगा है फहराते, गाकर अपना राष्ट्रगान फिर हम, तिरंगे का सम्मान है करते, कुछ देशभक्ति की झांकियों से दर्शकों को मोहित है करते हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे, आजादी का अर्थ सिर्फ यही है समझते। वक्ता अपने भाषणों में, न जाने क्या-क्या है कहते, उनके अन्तिम शब्दों पर, बस हम तो ताली है बजाते। हम नन्हें-मुन्ने है बच्चे, आजादी का अर्थ सिर्फ इतना ही है समझते। विद्यालय में सभा की समाप्ति पर, गुलदाना है बाँटा जाता, भारत माता की जय के साथ, स्कूल का अवकाश है हो जाता, शिक्षकों का डाँट का डर, इस दिन न हमको है सताता, छुट्टी के बाद पतंगबाजी का, लुफ्त बहुत ही है आता, हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे, बस इतना ही है समझते, आजादी के अवसर पर हम, खुल कर बहुत ही मस्ती है करते।। भारत माता की जय।                       – वन्दना शर्मा।

बस इस तिरंगे की पहचान को देखना

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बस इस तिरंगे की पहचान को देखना बस इस तिरंगे की पहचान को देखना…. कभी इन पत्थरों पर चल के देखना… कभी इस मिट्टी की खुशबू महसूस करके देखना… है हर चाल मे कितना प्यार, कभी आजमा के देखना… बॅस इस तिरंगे की पहचान को देखना…. जो अपने प्राणो की बलि चढ़ाई उनके परिवार को देखना… उन सिपाहियो की माँ के गीले चुनरी के पल्लू को देखना… उनके घर के किसी कोने मे बुझे दीये की आस को देखना … उनके आँगन मे गूंजते वन्दे मातरम को सुनना… बस इस तिरंगे की पहचान को देखना…. थोड़ी दीये की लौ खुद के दिल में भी जलाओ… किसी के आंसुओं की कीमत तुम भी जानो… ऐसा कर जाओ की खाली न जाए वो हुई कुर्बानियां… मिट्टी के हर कण-कण में वन्दे मातरम सुनाई दे जाए… बस इस तिरंगे की पहचान को देखना…. इसके तीनो रंगो की पहचान को देखना… एक हाथ मे गीता रखना दूजे हाथ आज क़ुरान रखना… मज़हब जाती भाषा की दीवार न हो इसका ख्याल रखना… प्यार और देशभक्ति की चुनर ओढ़े ऐसा हिन्दुस्तान बनाये रखना… बस इस तिरंगे की पहचान को देखना.

आओ करे प्रतिज्ञा हम सब

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आओ करे प्रतिज्ञा हम सब आओ करे प्रतिज्ञा हम सब इस पावन गणतन्त्र दिवस पर हम सब बापू के आदर्शों को अपनायेगे नया समाज बनायेंगे भारत माँ के वीर सपूतों के बलिदानों को हम व्यर्थ न जानें देंगे जाति ,धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर नया समाज बनायेंगे आजादी को मिले हुये है अब अड़सठ साल क्या सही मायनों में हम आजादी के अर्थों को समझ पायें है क्या बापू के आदर्शों को अपना पायें है अंग्रजो की गुलामी से निकल कर हम क्या जाति, धर्म , गरीबी ,भष्टाचार जैसे मुद्दों से लड़ पाये है आओ आज करे प्रतिज्ञा हमसब जो गरीब के घर न जले चूल्हा तो हम भी निवाला नहीं खायें बीनता कचरा जो बचपन हम देखें रातों को हम भी न सो पायें शहीद सैनिको के परिवारों को देख बिलखता हम भी खामोश न रह पाये मिलकर साथ आओ हमसब करे प्रतिज्ञा आज इस पावन गणतन्त्र दिवस पर हम बापू के आदर्शों को अपनाये नया समाज बनाये

विद्रोह जरुरी है

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          तब विद्रोह जरुरी है (अभिषेक मिश्र) जब सूरज संग हो जाए अंधियार के, तब दीये का टिमटिमाना जरूरी है जब प्यार की बोली लगने लगे बाजार में, तब प्रेमी का प्रेम को बचाना जरूरी है जब देश को खतरा हो गद्दारों से, तो गद्दारों को धरती से मिटाना जरूरी है जब गुमराह हो रहा हो युवा देश का, तो उसे सही राह दिखाना जरूरी है जब हर ओर फैल गई हो निराशा देश में, तो क्रांति का बिगुल बजाना जरूरी है जब नारी खुद को असहाय पाए, तो उसे लक्ष्मीबाई बनाना जरूरी है जब नेताओं के हाथ में सुरक्षित न रहे देश, तो फिर सुभाष का आना जरूरी है जब सीधे तरीकों से देश न बदले, तब विद्रोह जरूरी है                                                         – अभिषेक मिश्र

हमें गर्व है हम सब भारतवासी हैं|

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हम भारतवासियों में अपने देश के प्रति जो प्रेम की भावना कूट कूट कर भरी है, यही भावना ही हमारे देश को दूसरे देशों से महान बनाती है| इस भारतवर्ष की पवित्र भूमि पर देवता भी जन्म लेने को तरसते हैं| धन्य हैं हम लोग जो हमने इस जमीं पर जन्म लिया और हमें गर्व है इस बात पर कि हम सब भारतवासी हैं| अपने देश की आन, बान और शान के लिए हम अपने प्राणों को न्यौछावर करने को सदैव तैयार रहते हैं| मेरा देश महान है, मेरा भारत महान है| जब भी देश प्रेम की बात आती है, हम सभी भारतीयों मे एक अलग ही जोश उत्पन्न हो जाता है और हम अपने देश के लिए मार मिटने को तैयार हो जाते हैं! अगर हम भारतीय सेना को देखें को हमेशा बॉर्डर पे पहरा देकर हमारी हिफ़ाज़त करते हैं! हर साल ना जाने कितने ही सेना के नौजवान हमारी सुरक्षा के लिए शाहिद हो जाते हैं! 

Indian army shayri

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   मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर आऊंगा  लेकिन मैं वापस अवश्य आऊंगा।" - कैप्टन विक्रम बत्रा, परम वीर चक्र जो आपके लिए जीवनभर का असाधारण रोमांच है, वो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी है।" - लेह-लद्दाख राजमार्ग पर साइनबोर्ड (भारतीय सेना) यदि अपना शौर्य सिद्ध करने से पूर्व मेरी मृत्यु आ जाए तो ये मेरी कसम है कि मैं मृत्यु को ही मार डालूँगा।" - कैप्टन मनोज कुमार पाण्डे, परम वीर चक्र, 1/11 गोरखा राइफल्स हमारा झण्डा इसलिए नहीं फहराता कि हवा चल रही होती है, ये हर उस जवान की आखिरी साँस से फहराता है जो इसकी रक्षा में अपने प्राणों का उत्सर्ग कर देता है।" - भारतीय सेना यदि कोई व्यक्ति कहे कि उसे मृत्यु का भय नहीं है तो वह या तो झूठ बोल रहा होगा या फिर वो गोरखा ही होगा।" - फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ आतंकवादियों को माफ करना ईश्वर का काम है, लेकिन उनकी ईश्वर से मुलाकात करवाना हमारा काम है।" - भारतीय सेना

खातिर सरहद की बर्फ में मरे रहे हैं

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जहाँ हम और तुम हिन्दू-मुसलमान के फर्क में मर रहे हैं, कुछ लोग हम दोनों के खातिर सरहद की बर्फ में मरे रहे हैं हर वक़्त मेरी आँखों में धरती का स्वप्न हो, जब कभी मरू तो तिरंगा मेरा कफ़न हो, और कोई ख्वाहिश नहीं है ज़िन्दगी में, जब कभी भी जन्मु तो भारत मेरा वतन हो|| मैं भारत बरस का हरदम सम्मान करता हूँ, यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हुँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ. किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ। जय हिन्द… कुछ हाथ से मेरे निकल गया, वो पलक झपक के छिप गया, फिर लाश बिछ गयी लाखों की, सब पलक झपक के बदल गया। जब रिश्ते राख में बदल गए, इंसानियत का दिल दहल गया, मैं पूछ पूछ के हार गया, क्यूँ मेरा भारत बदल गया? यही खुवाहिश खुदा हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देना, अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना, न दे दोलत न दे शोहरत, कोई शिकवा नही हमको, झुका दूँ सर मै दुश्मन का यही

आजादी खैरात में

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      चूमा था वीरों ने फांसी का फंदा    यूँ ही नहीं मिली थी आजादी खैरात में       भारत देश का हरदम अमित सम्मान करता हूं,  यहां की चांदनी मिट्टी का गुणगान करता हूं,   मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,  तिरंगा हो कफ़न मेरा बस यही अरमान रखता हू   अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं  सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं     मेरे देश तुझको नमन है मेरा,   जीऊं तो जुबां पर नाम हो तेरा   मरूं तो तिरंगा कफन हो मेरा लड़ें वो बीर जवानों की तरह, ठंडा खून फ़ौलाद हुआ, मरते-मरते भी की मार गिराए,  तभी  तो देश आज़ाद हुआ.

अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं

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अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की। आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है। अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे। क्यों की जीसकी जीतनी जरुरत थी उसने उतना ही पहचाना मुझे। ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब है, शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे हैं....!! एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी, जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं, और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं।

तेरी ज़िन्दगी

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तेरी ज़िन्दगी से एक दिन बहुत दूर चला जाऊंगा फिर लौट कर बापस कभी नही आऊंगा बस बहुत जी लीए वेबफाई के गम में अब किसी और को इस  दिल  में नही बसाऊंगा
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फलसफा समझो न असरारे  सियासत  समझो, जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो, जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ, आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो।
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 जो दिल से करीब हो उसे रुसवा नहीं कहते; यूं अपनी मोहब्बत का तमाशा नहीं करते; खामोश रहेंगे तो घुटन और बढ़ेगी; इसलिए अपनों से कोई बात छुपाया नहीं करते!
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है आरजू की एक रात तुम आओ ख्वाबो में,  बस दुआ है उस रात की कभी सुबह न हो