Tu mujhe soch kabhi original
बदल जाओ वक्त के साथ
बदल जाओ वक्त के साथया फिर वक्त बदलना सीखो
मजबूरियों को मत कोसो
हर हाल में चलना सीखो
समंदर को गुमान!
सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है,उधर ही ले चलो कश्ती जहां तूफान आया है।
सिर्फ एक सफ़ाह
पलटकर उसने,
बीती बातों की दुहाई दी है।
फिर वहीं लौट के जाना होगा,
यार ने कैसी
रिहाई दी है।
नफरत हो जायेगी
तुझे तुझसे
अगर मैं तुझसे तेरे ही
अंदाज़ में बात करूं
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं
अपने इरादों को
उनके मुक़द्दर के पन्ने कभी कोरे
नहीं होते
अपने लहज़े पे गोर कर के बता
लफ्ज़ कितने हैं और
तीर कितने हैं
मंजिल मिलेगी, भटक
कर ही सही
गुमराह तो वो हैं
जो घर से निकले ही नहीं
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